कचहरी अपने परिवार के साथ सोहन एक फ्लैट में रह रहा था, छोटा भाई भी साथ में ही रहता था। दो कमरो वाले फ्लैट में एक कमरा तो अपना निजी और दूसरा कमरा आने जाने वालों के लिए रखा हुआ था। कुछ दिन पूर्व एक हादसे में माँ की मृत्यु हो जाने के बाद सारी ज़िम्मेदारी सोहन की ही थी। भाई बाबू राम जवान हो गया तो उसके रिश्ते भी आने लगे, शादी करने की सोच ही रहा था कि शादी के बाद सोहन की गृहस्थी बसाने की चिंता होने लगी। पिता के गुजर जाने के बाद माँ ने पुश्तैनी