आपने अब तक शायद सिर्फ़ ऐसे लोगों को ही देखा होगा जो ये कहते हैं कि ' मेरे परिवार में तो चार सदस्य हैं या पाँच सदस्य हैं या आठ, दस, बारह हैं।' जो परिवार के सदस्यों की गिनती कराता हो। लेकिन मैं आपसे ये कहूँ कि इस पृथ्वी पर ऐसे लोग भी निवास करते हैं जो पूरी मनुष्य ज़ाति को ही अपना परिवार समझते हैं।हाँ.. मैं ये नही कह रहा हूँ कि बहुत ज़्यादा की तादात में ऐसे लोग हैं...नही, बिलकुल नही।बल्कि मैं तो ये कह रहा हूँ कि सौ में से सिर्फ़ एक-दो प्रतिशत ही ऐसे सज्ज़न और महापुरूष