मनचाहा - 19

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अवि- हम जब से यहा आएं हैं मैं देख रहा हूं ये मनोज पाखि के इर्द-गिर्द कुछ ज्यादा ही घुम रहा है। पहले मुझे लगा सिर्फ मेरा वहम है इस लिए कंफर्म करने के लिए आज उसे साथ रक्खा। वो आज भी पाखि के साथ-साथ ही चल रहा था और हंस-हंस के बातें भी कर रहा था। रवि- हां मैंने देखा था पर इसका मतलब यह नहीं कि वो पाखि के पिछे पड़ा है। अवि- में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। क्या पता पाखि को उससे... नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। रवि- (जोर से हंसते हुए) तु क्या