रावण का श्राप

(33)
  • 12.6k
  • 9
  • 3.2k

आज वाल्मीकि का मन घ्यान की गहराइयों में गोते नहीं लगा पा रहा था। उनके अनगिनत प्रयास असफल हो चुके थे। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद अभी अभी उस जगह से लौट के आये हैं, जहाँ पे सीता धरती में समा गयी थी। उस जगह पे विशाल गढ़ा अवशेष मात्र बच गया था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने दो पुत्रों लव और कुश को साथ लेकर अयोध्या लौट चुके थे। और साथ मे लेकर लौटे थे पत्नी का विछोह और विषाद भी। सारी कुटिया मे सन्नाटा का माहौल था । अभी कुछ दिनों पहले की बात है, सारा वातावरण लव