सुबह से ही घर में उत्सव का सा माहौल था। सभी साफ सफाई में जुटे हुए थे। माँ और काकी ने चौका सम्भाल रखा था। बड़ी माँ पूरे घर में निरीक्षण करती घूम रही थी। बड़ी माँ( मुन्नी की दादी)- मुन्नी और जमाई बाबू पहली बार आ रहे हैं। बड़की बहू कोनो कमी न रह जाये। मीठा जरूर बना ले। छोटकी बहु, चावल जरूर बना लीजो। शगुन होवे है। खाने में पहले चावल और घी बूरा ही देना बाबू को। उसके बाद सब्जी रोटी। भूलना नही। अभी बताए दे रही हूं, मगज मा धर ले।