अदृश्य हमसफ़र - 9

(20)
  • 7.4k
  • 3k

अनुराग के मुंह से उनके मन की बात सुनकर बाबा को दुख के साथ बेहद गर्व भी महसूस हो रहा था। उनका चयन गलत नही था। अनुराग सुशील और होनहार ही नही मर्यादा पालन के लिए किसी भी हद तक दर्द को सहने का सामर्थ्य रखते थे। बाबा ने गर्वीले अंदाज से अनुराग की पीठ थपथपाई।