वो कोयल की तरह कूहकती थी, पर मैना की तरह प्यारी थी। वो सरसों के खेतों में उड़ती तितली सरीखी थी। वो बरगद के पेड़ों तले मिलने वाले सुकून थी। वो एक लड़की थी, जो 11th में पढ़ती थी। वो छोटे से शहर के छोटे से गांव में रहती थी, पर मुंबई जैसे सपनों की नगरी देख चुकी थी। उसे जब देव ने पहली दफे देखा था, तो सुर्ख गुलाब की मानिंद होठों की लाली ने उसे आकर्षित किया था। वो लाल रंग की रेशमी फ्रॉकनुमा कपड़े पहनी थी। होठों पर प्यारी सी मुस्कान थी। बालों में मेंहदी का