अपने मृदुल और हँसमुख स्वभाव की वजह से अनुराग सभी घरवालों का दिल जीतता जा रहा था। पढ़ाई में होशियार तो था ही साथ ही किसी भी काम के लिए उनके पास न नही थी। ममता असहाय सी देखती रहती लेकिन कुछ न कर पाती। धीरे धीरे ममता में अनुराग के प्रति ईर्ष्या बढ़ती जा रही थी। दिन रात उधेड़ बुन में रहती, इस बला से कैसे छुटकारा पाया जाए। सभी को तो अपने मोह में बांध लिया इस पिद्दी से लड़के ने। ऊपर से बाबा का हुक्म कि अनुराग से इज्जत से बात किया करो।