अपने बर्ताव से किसी का दिन खराब न करें,,,, अक्सर देखा गया है कि बहुत से काम सिर्फ इसलिए सफल नहीं हो पाते कि टीम के सद्स्यो के बीच सही संवाद स्थापित नहीं था . उनका आपस में एक दुसरे से बर्ताव ठीक नहीं था . ख़राब बर्ताव और संवादहीनता की स्थिति में स्पष्ट विचारो का सम्प्रेषण नहीं होता , जिसके कारण बहुत से काम बनते बनते बिगड़ जाते हैं . प्रायः ऐसा भी होता है कि हम कहना कुछ और चाह रहे थे और कह कुछ और गये, जिससे अर्थ का अनर्थ हो गया. चाह रहे थे कुछ