खुशी -- भूपेन्द्र कुमार दवे वह बच्ची जिसे हम खुशी नाम से जानेंगे जन्म लेते समय अपनी माँ की पीड़ा देख द्रवित हो उठी। उसने ईश्वर से कहा, ‘हे ईश्वर! मुझसे अपनी माँ की पीड़ा देखी नहीं जाती। देखो, उसे मेरी दादी किस तरह दुत्कार रही है। कहती है कि बच्ची को जन्म देना था तो तू कलमुँही इस घर की बहू बनकर क्यों आयी? तू इस गठरी को कहीं और रख लेती तो अच्छा होता।’ जन्म लेती बच्ची ने देखा कि उसकी माँ प्रसवपीड़ा तो जैसे-तैसे सहन कर ही रही थी, पर एक बेटी को जन्म देने के