ओ पी डी प्रदीप भाई ये लो गरमा गरम कॉफी और पीकर बताओ मैंने भाभी से अच्छी बनाई या नहीं........ हाँ राजेश तूने कॉफी बहुत अच्छी बनाई है लेकिन तेरी भाभी के हाथों में भी जादू है....... अच्छा प्रदीप आज हम दोनों मित्र अकेले हैं, आज तुम कॉफी की चुसकियों के साथ मुझे वो ओ पी डी वाली घटना बताओ........ छोड़ यार राजेश क्यूँ पुरानी यादें ताज़ा करना चाहता है........ नहीं भाई प्रदीप आज मैं ऐसे नहीं छोडुंगा, आज मैं पूरा किस्सा जान कर ही रहूँगा........ अच्छा तो तू पीछा नहीं छोड़ेगा तो सुन........ पिताजी लोक नायक अस्पताल में नौकरी