"अपने आप को कभी शीशे में देखा है? कैसी दिखती हो? तुम्हें चाहना तो दूर तुम्हें तो कोई घर में भी ना रखें, मुझसे कोई उम्मीद करना छोड़ दो लालिमा, क्योंकि मैं तुमसे तंग आ चुका हूं", यह कहकर यह शिशिर दरवाजे को धड़ाम से बंद कर कर ऑफिस चला गया l लालिमा उदास होकर अपने आपको आईने में एकटक देखती रही उसके बिखरे बाल, उदास और थकी आंखें, सूखे होंठ और मुर्झाया हुआ उदास चेहरा, उसने मन ही मन में कहा ठीक ही तो कहते हैं वो, मेरे जैसे को तो घर में भी कोई नहीं रख सकता l