हिम स्पर्श - 86

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86 “वफ़ाई, तुम यहाँ हो?” इन शब्दों ने मृत से चारों शरीरों में जीवन का संचार कर दिया। चारों ने ध्वनि की दिशा में देखा। दिलशाद, नेल्सन तथा जीत उस अपरिचित से व्यक्ति को देखते रहे, परिचय का कोई अंश खोजते रहे। वफ़ाई उन्हें देखकर विचलित हो गई। उसके मन में अनेक भाव उठने लगे, अनेक प्रश्न उठने लगे। वफ़ाई बहुत कुछ कहना चाहती थी, अंदर से खाली हो जाना चाहती थी किन्तु वह मौन रही। “वफ़ाई, चलो मेरे साथ। कुछ ही क्षणों में हमें लौटना है।“ उस युवक ने कहा। वफ़ाई के धैर्य का बांध टूट गया,”नहीं बशीर।