वो लड़की "उस रात" मेरी जिंदगी में एक रहस्य का "पर्दा" लेकर आई... फिर "बेपर्दा" कर गई "ख़ौफ़ का राज" । वो मुझे ले गई "आत्मालोक" में जहां "पर्दाफ़ाश" हुआ एक ऐसी "घिन्न" का जहां से "वापसी" तब तक सम्भव नहीं थी जब तक "सोमू" अपना "बदला" लेकर गुनाहगारों को "सज़ा "न दिला दे...पर शायद सज़ा मुझे मिली, एक "कैद" के रूप में.. क्या उस ख़ौफ़नाक कैद से मेरी रिहाई हो पाएगी?? अब पढ़े आगे। अध्याय-13 रिहाई हां.. यह वही जगह थी , जहां पर जालिम की कैद में मैंने सोमू को