कहाँ गईं तुम नैना - 8

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               कहाँ गईं तुम नैना (8)उस दिन आदित्य करीब आठ बजे घर पहुँचा तो पाया कि महक बाहर खड़ी उसकी प्रतीक्षा कर रही है। उसे वहाँ देख कर आदित्य को आश्चर्य हुआ। महक हंस कर बोली। "आज मैंने सोंचा कि तुम्हारे घर चल कर धावा बोला जाए। पर तुम्हारा चेहरा बयां कर रहा है कि तुम मुझे देख कर खुश नहीं।"उसकी बात सुन कर आदित्य खुद को संभालते हुए बोला।"नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। आओ अंदर आओ।"कह कर वह दरवाज़ा खोलने के लिए आगे बढ़ गया। महक उसके पीछे पीछे अंदर आ गई। चारों