ममता की छांव

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स्कूल नहीं जाना है क्या? उठ जाओ बेटा! प्यार से सहलाते हुए मां मौली और बिन्नी को उठाने की कोशिश कर रही थी।मौली और बिन्नी दोनो आंखे मलते हुए बाहर मुंह धोने जाने लगे लेकिन बिन्नी बाहर आकर लकड़ी के ब्रेंच पर लेट गई । शायद वह अभी और सोना चाहती थी।मौलीं मुंह धोकर रसोई में गई । मां ने दूध का ग्लास मौली को पकड़ाते हुए पूछा बिन्नी कहा है, वह ब्रेंच पर सो गई - मौली ने मां से कहा । जा उसको उठा दे । मौली  दूध पीकर बिन्नी को उठाने चल दी ।ग्रामीण परिवेश में रहने