ख़्वाबगाह - 12

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इसके बाद भी हम गाहे बगाहे अपनी ख़्वाबगाह में मिलते रहे थे, लेकिन मैं कभी रात भर के लिए वहां नहीं रुक पायी थी। बेशक विनय अक्सर वहाँ अकेले भी चला जाता और रात भर ठहर भी जाता।