रुहो का कोई धर्म नही होता!इस बात को ईल्म धारण करने वाले बखूबी जानते है!बाबा का मजार में होना ईतफाक नही था, तय था पहले से.. ! किसी के प्राणो को बचाने वो कुछ भी कर गुजरते है! एक सिध्धयोगी होकर वो उपरी ताकतो को ताड लेते है! उनको कंट्रोल अपने तरीके से करते है! बाबा अच्छी तरह जानते थे की कोई है, जिसने जिन्न को वश किया है! उस इन्सान को पहचान लिया जाता तो बहुत जल्द जिया और खलिल के परिवार को जिन्न के करतूतो से बचाया जा सकता था! जिया को किसी भी हालत में 7 दिन तक मजार पर