कहानी का सारांश : इस कहानी में केवल एक शनिवार के दिन का वर्णन किया है। कहानी में मुख्य भूमिका एक नन्हे बालक की है। जो अपने बालपन के कारण अपनी पढ़ाई के प्रति थोड़ा लापरवाह है, किन्तु बालक के मन में पिता के प्रति उनकी आज्ञा का पालन और उनके अनुशासन का डर है, उन सब का वर्णन लेखक ने कहानी में किया है। दूसरी भूमिका पथ-प्रदर्शन के तौर पर बालक के पिता भानु प्रताप की है। भानु प्रताप अपने बेटे को बहुत प्रेम करते हैं, किन्तु वह अपने पुत्र को ज्यादा लाड़ नहीं लड़ाते, वह इस