भरोसा अभी कायम है

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“किसी गिरोह की दुश्मनी तुम्हे इस बात पर आमादा न कर दे कि इन्साफ से फिर जाओ...इंसाफ करो अगर अल्लाह की रज़ा चाहते हो ..... छोटी मस्जिद से निकली लाउडस्पीकर की आवाज़ पूरे इलाके की फिज़ा में घुल रही है! लोगों के कान अजान पर लगे हैं! नमाज-ए-जुहल का वक्त हो चला है! कुछ देर बाद गलियों से, घरों से निकल कर लोग मस्जिद की ओर बढ़ते नजर आयेंगे! ठीक उसी समय सरकारी स्कूल की छुट्टी का समय होगा! ये सड़क नन्हे-मुन्ने बच्चों की किलकारियों और चहल-पहल से यूँ गुलज़ार हो जाएगी जैसे पंद्रह अगस्त पर आसमान रंग-बिरंगी पतंगों की उड़ानों से भरा और खुशदिल दिखाई पड़ता है!