आनंद आगे कहता है कि दुनिया बडी रंगीन है परंतु इसको देखने के लिए धन की जरूरत होती है। वह एक घटना सुनाता है। एक दिन मैं घूमते घूमते विद्युत मंडल के परिसर में स्थित बाजार में पहुँच गया। वहाँ पर एक ब्यूटी पार्लर भी था जो पुरूष एवं महिला दोनो के लिए था। मैं भी कौतुहलवश अंदर गया। वहाँ पर मैंने देखा कि काऊंटर पर एक बहुत सुंदर लडकी बैठी हुई थी। उसने बडे प्रेम से पूछा कि मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ और उसने एक छपा हुआ पत्रक जिसमें उस पार्लर में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी