जंग-ए-जिंदगी -3 तैयार होकर,डोली मे बैठकर दोनो बहेने चली ‘’गुरुआश्रम’’.... महाराजा सुर्यप्रताप की पत्नी का नाम सुर्यावती। राजा चंद्रप्रताप की पत्नी का नाम है चंद्रावती। सुर्यावती ओर चंद्रावती दोनो सगी बहेने है। सुर्यावती ओर सुर्यप्रताप का बेटा सहदेव है। चंद्रावती ओर चंद्रप्रताप का बेटा चैतन्य है। सुर्यावती को महारानी कहा जाता है। चंद्रावती को रानी कहा जाता है। दोनो बहेने ‘’गुरुआश्रम’’ पहोची। गुरु समाधि मे लीन है ओर बोले मुजे पता था, महारानी मुजसे मीले बिना रेह नही सकती।वो जरुर आयेगी,वो जरुर आयेगी। ‘’गुरुमाता’’ बोली ‘आर्य’’ आप जो भी केहते है सच हो ही जाता है,उसमे चोकानेवाली कोई बात नही