खेल प्यार का... भाग 11

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पिछले पार्ट मे हमने देखा.....आज़म ने कहा! "अभी तो बस मुझे कायनात की फिक्र है कि उसे किसी ओर को ना सौंप दिया जाए! जिसे उसे किसी और की हवस का शिकार होना पडे! मुझे रोज़ रात उसके पास रेहना है !जब तक कुछ सोच ना ले हम।"ठीक है बस जल्द ही कुछ करना होगा! सबने एक साथ कहा..!जैसा के अपने भाग 10 में पड़ा कि आज़म को कायनात की फिक्र थी बस की उसे किसी ओर के हाथो ना बेच दिया जाए...अब आगे..!