जंग ए जिंदगी - 2

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जंग ए जिंदगी-2 एक गुप्तचर आया ओर बोला; डाकुरानी को बोलो अर्जेंट गुप्तचर आया है। इस समय मे लोग अग्रेजी बोलने की ओर सिखने का शोख भी रखने लगे है।डाकुरानी ने इस गुप्तचरा का नाम ही अर्जेंट रख दिया। डाकुरानीने अपने डाकु के परिवार मे बहोत सी भाषा के विदो को रखा है।कोइ अपनी मर्झी से आया तो कोइ जबरन लाया गया। डाकुरानी को अलग-अलग भाषा  बोलना लिखना ओर जानने का बहोत ही शोख रखती है। वो 15 की आयु मे भी बहोत अच्छी संस्कृत लिख सक्ती है,बोल सक्ती है।अपनी मातृभाषा "गुजराती" पर उसकी पकड लाजवाब है।हिंदी भी बहोत अच्छी