6 जून

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मणिका की नई नौकरी उसे नए जोश से भर रही थी | पर एक डर भी था अनजान शहर जाकर वहां नयी ज़िन्दगी शुरू करना | पति की मौत के बाद हुए खालीपन को मणिका ने अपने बेटे साहिल की ज़िम्मेदारियों से भर दिया था | एक होटल में रिसेप्शनिस्ट की 3000 की नौकरी से शुरुवात कर के आज 4 साल बाद मणिका को दिल्ली के करोलबाग़ में एक अच्छे होटल में मैनेजर की नौकरी मिल चुकी थी | इन 4 सालों में मणिका ने अपने बेटे को संभाला , ससुराल के ताने सुने और साथ ही साथ एमबीए भी