ज़ईम कुछ कहे बिना वहां से चला गया और वो दोनों एक दूसरे का मुंह देखते रह गए।............. . .........................................अगले कुछ दिन मायरा इंतज़ार करती रही कि ज़ईम उसे डाटेेेगा लेकिन उसने कुछ नही कहा हाँ अलबत्ता मायरा ने उसकी आँखों मे ज़रूर कुछ पढ़ा था।वो कहते है ना औरत किसी भी मर्द की आँँखों को बखूबी पढ़ सकती है।।"क्या हुआ मायराा... इतनी उदास क्यों हो""कुछ नही अंकल,,,,,,,,,,बस ज़रा घर की याद आ रही है" "तो कुछ दिनों के लिए घर हो आओ बेटा" "1 महीने बाद पेपर है,,,, तारीख भी आ चुकी है अब कुछ दिनों के लिए घर जा कर