पिक्चर हॉल की सीढ़ियां चढ़ते समय मैं अचानक ठिठक गई थी .एक दिन इन्हीं सीढ़ियों से उतरते समय मैं अख्तर के साथ थी और अचानक घुटनों के बल गिर गई थी, तब उसने एकदम मुझे संभाल लिया था .उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था .गिरी मैं थी शर्म उसे आई थी वह था ही बहुत शर्मीला. यह आगे बढ़ गए थे ,फिर अचानक पीछे देखकर इन्होंने पूछा था ,अरे तुम पीछे क्यों रुक गईंं ?" "साड़ी का पल्लू पैर के नीचे आ गया था ."मैंने हड़बड़ा कर बहाना