खेल प्यार का...7

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कायनात मुस्कुराते हुए बोली! "तुम बहुत पागल हो! हर बार मेरे पास रहने का सोचते हो! "वो प्यार में अंधी कुछ समझ ही नही पाई कि उसके साथ अब क्या होने वाला है... अब आगेखेल प्यार का...भाग 7वसीम अब कायनात के अकेले जाने के लिए उसका इंतज़ार करता है!कायनात को भी अच्छा नहीं लग रहा था! लेकिन वो वसीम के प्यार में इतनी अंधी हो चुकी थी कि उसे सही गलत नजर नहीं आ रहा था..!   कायनात सोच में पड़ गई थी कि में कैसे जाउंगी ओर अम्मी बाबा को क्या बोलेगी! आने में लेट हो गई..? तो यही सवाल वो वसीम से