तुम मिले (8)

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                          तुम मिले (8)गेस्टरूम में बैठी हुई मुग्धा सोंच रही थी कि सौरभ के बारे में उसे एक बड़ी बात पता चली। लेकिन जो भी पता चला उससे केस को आगे बढ़ाने में शायद ही कोई मदद मिले। स्थिति अभी भी जस की तस थी। इंतज़ार करने के अलावा उसके और सुकेतु के पास कोई उपाय नहीं है। मुग्धा ने मन ही मन तय कर लिया था कि लौटने से पहले वह अपने सास ससुर से पूँछेगी ज़रूर कि उन्होंने सौरभ के बारे में इतनी बड़ी बात उससे क्यों