पहले लोग बड़ी संख्या में कोई न कोई किताब पढ़ते थे। उस पर परिवार के सदस्यों तो मित्रों के बीच चर्चा किया करते थे। कई उत्साही पाठक उस पर अपनी प्रतिक्रिया पत्र के माध्यम से उसके लेखकों को भेजा करते थे। आज यह सिलसिला थमा तो नहीं, मगर कम ज़रूर हुआ है। अब फेसबुक पर लोग पोस्ट पढ़ते हैं और बात करने का मन करे तो चैट करते हैं। जिनसे निकटता कम है, उनसे टेक्सट-चैट और जिनसे निकटता अधिक है, उनसे वीडियो-चैट। निकटता बढ़ाने के और टेक्स्ट से वीडियो पर आने के प्रयास हरदम चल रहे होते हैं।