इसी बीच गेस्ट हाउस के रसोइये ने आकर बताया कि साहब रात के 11 बज चुके हैं आप लोगो का भोजन तैयार हैं। आप लोगों को रात में यही रूकना पडेगा क्योंकि बारिश की वजह से नदी उफान पर है और जाने वाले रास्ते पर भी पानी है। मैंने दो कमरे तैयार कर दिये हैं। आप लोग सुबह नाश्ता करके चले जाइयेगा तब तक पानी भी उतर जाएगा। हम लोगों ने भोजन किया जो कि बहुत ही स्वादिष्ट था। भोजन के उपरांत हम लोगों को नींद नही आ रही थी तो हम सभी कुर्सी लगाकर बाहर दालान में बैठ गये।