वो दूसरी औरत

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वो दूसरी औरत [नीलम कुलश्रेष्ठ ] बरसों से कहूं या युगों से किसी ने उसकी सुध नहीं ली .वह आज तक गुमनामी के अँधेरे में हैं. .जन्म देने वाली माँ तो शब्दों ,कलाओं की कूचियों ,भाषणों के फूलहार पहनती रही ह बस उसे ही कोई यायाद क्यों नहीं करता ? उसके जन्मदात्री स्वरुप को किसी ने देखने की कोशिश नहीं की. .डॉक्टर ,नर्स या आया इनमें से कोई भी नहीं सभी तो पैसे