डिवोर्स...

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डिवोर्स आर0 के0 लाल वकील साहब को आज घर पर बुलाया गया था। उनके साथ, ड्राइंग रूम में मेरे मम्मी-पापा, भाई, चाचा एवं पड़ोस के एक अंकल सभी बैठे थे। सामने चाय नाश्ता रखा था। सब एकमत कह रहे थे कि सोनम बिटिया को उसके नरक जैसे ससुराल से जल्दी से जल्दी छुटकारा दिलाएं। तरह - तरह की चर्चा भी हो रही थी। कोई भारतीय परंपरा को दोषी बता रहा था तो कोई कानून व्यवस्था पर उंगली उठा रहा था। वहां ज्यादातर पुरुष थे फिर भी वे पुरुषों की मानसिकता को ही जिम्मेदार ठहरा रहे थे। कह रहे थे