वीकेंड चिट्ठियाँ - 16

  • 8.7k
  • 1
  • 2k

डियर J, मुझे ये बिलकुल सही से पता है कि मैं अपने हर रिश्ते से चाहता क्या हूँ। मुझे क्या हम सभी को शायद ये बात हमेशा से सही से पता होती है।एक बना बनाया सा रस्ता होता है हमारे पास कि बाप वाला रिश्ता है भाई वाला वैसा बॉयफ्रेंड वाला ऐसा, पति वाला वैसा। दुख हमें तभी होता है जब रिश्ते अपने हिसाब से नहीं हमारे हिसाब से रस्ते नहीं पकड़ते।