अफसोस

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अचानक मोबाईल की रिंग टाॅन बजी , बड़ी हड़बड़ी में मनीषने कोल रिंसीव किया ।।" हेल्लो... कौन  ?मैं दामिनी...!कौन दामिनी  ?तुम्हारे कोलेज की बेस्ट फ्रेंड...क्या आप मुझे नही पहचानते  ?या इन बीते दो बरस में भूल गयें , लेकिन मैं कहां इतनी जल्दी भूली हूँ..अक्सर काम के सिलसिले में सतत बीजी रहता हूँ..!इसलिय शायद तुम्हें भूल गया हूँदामिनी...  लेकिन मेरे जहन में तुम्हारी यादें आज भी साफतौर जिंदा हैं । ख्वाबों-ख्याल में सिर्फ तेरे प्यार का पैगाम लेकरकोलेज के टाईम में भी मैं.. तुम्हें बहुत ज्यादा चाहती थीं ।।लेकिन अफसोस की मैं तुम्हें दिल से मेरे लव का रिजन बता ना