मेरी दोस्त मुझसे नाराज़ थी , हा मेरी दोस्त कंजूस(दोस्त को कंजूस की उपमा) मुझसे नाराज़ थी। उसकी बात करू तो अब तक की मेरी सबसे अच्चीदोस्त । उसकी बात करू तो मुंह पर हसी आ जाए।उसकी बात सबसे अलग थी उसका दुनिया को देखना का नजरिया भी सबसे अलग था। वो बात अलग है कि वो कभी कबार ही मेरे काम आती पर शायद कहीं ना कहीं वो मेरे एनर्जी ड्रिंक थी । करीबन एक साल से हम दोस्त है। जब कभी भी उसे कोई तकलीफ़ हो या कोई भी