राबिया का जूता

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राबिया का जूता ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' राबिया अपने भाई के पुराने जूते पहन—पहन कर परेशान हो गई थी. उस ने कई कोशिश की मगर, उसे नए जूते नहीं मिले. इस बार उस ने पापा से कह दिया, '' पापाजी, यदि मुझे नीलम जैसे जूते नहीं मिले तो मैं स्कूल नहीं जाऊंगी.'' पापाजी ने उसे समझाया, '' इस बार घर में इतना पैसा नहीं है. फिर कभी नए जूते ले आऊंगा. '' मगर, राबिया नहीं मानी. '' आप कई बार मुझे बहला चुके हैं. मैं इस बार नए जूते लिए बिना स्कूल नहीं जाऊंगी,'' राबिया ने जिद पकड़ ली. आखिर पापाजी