1सब से सुना पन महसूस हो रहा है। इस फैले हुए आसमान से, धूप से। धरती सबसे छोटी हो चुकी है। जैसे इस धरती पर कोई है ही नहीं। हवा चेहरे को और भी ज़्यादा सूखा रही है। पता नहीं गीता को मेहंदी में ऐसा क्या दिखता है कि उसकी खुशबू भर से बेहद गंभीर हो बैठती है। उसने साफ कह रखा है कि मेहंदी उसकी शादी के लिए नहीं है बल्कि उसके मन में खोए हुए किसी रंग को तलाशती है। मेहंदी की खुशबू उसे सबसे अधिक प्रिय है। उसी से उदास भी हो जाती है।गीता मेहंदी से अपने