आयम स्टिल वेटिंग फ़ॉर यू, शची - 3

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अभिषेक, एक पत्रिका में कोई रिपोर्ट लिखने के उद्देश्य से एक कस्बे में आता है. पर वहाँ की धीमी गति से गुजरते जन जीवन से एक दिन में ही बहुत ऊब जाता है. तभी एक दुकान पर उसे एक नारी कंठ सुनायी देता है. वह चेहरा नहीं देख पाता. उसे शची की आवाज़ लगती है और वह परेशान हो उठता है. अपने गेस्ट हाउस में लौट वह पुरानी यादों में खो जाता है कि शची नयी नयी कॉलेज में आई थी. आते ही लोकप्रिय हो गए थी. मनीष उसे शची का नाम ले छेड़ने लगा था. जब उसने उसे उल्टा ही चिढाया तो मनीष ने बताया कि वह उसे राखी बाँध चुकी है और माँ को बचपन में ही खोकर बिलकुल अकेली है