खूबसूरत जगह है। आप जब भी पचमढी आए मेरे घर जरूर आइयेगा। यह सुनकर राकेश कहता है कि नेक काम में देर क्यों की जाए। अगले सप्ताह ही तीन चार दिन मेरे आफिस की छुट्टी रहेगी, क्यों ना उस समय पचमढी घूमने चला जाए। यह सुनकर आनंद और मानसी भी अपनी सहमति प्रदान कर देते हैं। अगले सप्ताह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राकेश और आनंद गौरव को साथ लेकर पचमढी जाने के लिये प्रस्थान करते है और रास्ते में मानसी के घर रूकते हैं। वहाँ पर उसकी माँ, बहन पल्लवी से मुलाकात होती है। पल्लवी बहुत सुंदर और