ख़्वाहिश

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चलती ट्रेन पकड़ने के चक्कर में वो अपने बैग के साथ बड़ी जोर से गिरी थी। बैठते हुए लायबा ने अपनी कोहनी को सहलाया था। उसने बोगी में इधर उधर  देखा तो वहां बैठे लोग उसे ही देख रहे थे। लाइबा ने उन लोगों को हल्की सी स्माइल दी और बैग लेकर अपनी सीट पर आ बैठी। बैठने के बाद लायबा ने उन तीनों पैसेंजर की तरफ देखा तो उनमें से एक लड़का उसे बड़े घूर घूर कर देख रहा था। लाइबा को लगा उसने उस लड़के को कहीं देखा है। ज़हन पर थोड़ा जोर डालने के बाद उसे याद