पात्र परिचयपीहू- एक छात्राचंद्रमोहन-पीहू के पिताजगमोहन - पीहू के चाचासविता-पीहू की चाचीरामसखा-पीहू के दादाकमला-पीहू की दादीसोनिया-पीहू की बुआ परदा उठता है (ड्राइंगरूम का दृश्य। पीहू और चंद्रमोहन मंच के बांयी ओर से प्रवेश करते हैं। वे गांव से आए हैं। मंच के मध्य में सोफा बिछा है। दांयी ओर एक बैड बिछा है। जगमोहन, सविता, रामसखा, कमला और सोनिया पहले से बैठे हुए हैं। पीहू सबके पैर छूती है। सब पीहू को देखकर खुश हो जाते हैं।) सोनिया : वाह! हमारी पीहू तो बहुत बड़ी हो गई है। रामसखा: समझदार भी है। चंद्रमोहन : (खुश होते हुए) ये सब गीता