पगडण्डी विकास - 2

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उस की इस बात पर मैं हंस पडा़। इस बीच उसने अपना परिचय भी दिया था। अपना नाम धीरज सोमवंशी बताया था। मैंने हंसते हुए ही कहा-‘धीरज जी मैं किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं रखता। मुझे ये सारी पार्टियां और नेता सबके सब एक से लगते हैं। क्यों कि मैं यह मानता हूं कि ये जो भी करते हैं वह वोट के लिए करते हैं। उनकी पार्टी को वोट कैसे मिले, वो कैसे जीतें यही उनका मकसद होता है। बस फ़र्क इतना है कि कोई कम है कोई ज़्यादा।