मैंने नेहा से पूछा आपने कभी विजय से बात नहीं की? राहुल के बीमार होने के बाद मैंने दो तीन बार फोन लगाने की कोशिश की थी, रिंग गयी लेकिन फोन काट दिया गया कहते हुए नेहा का गला रुंध गया। एक बेबसी जो बेटे के प्यार से उपजी और ठुकराये जाने की पीड़ा उनकी आँखों में तिर आई। जिस प्रेम और विश्वास से नेहा ने अपने कर्तव्य पूरे किये उसके बदले मिला विश्वासघात का दंश आखिर को निकलता कैसे?