आधी नज्म का पूरा गीत - 19

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अमृता की कविता एक जादू है.उनकी कविता में जो अपने आस पास की झलक मिलती है वह रचना अपनी यात्रा में अंत तक अपना बुनयादी चिन्ह नही छोड़ती है..वह अपने में डूबो लेती है.अपने साथ साथ उस यात्रा पर ले चलती है.जिस पर हम ख़ुद को बहुत सहज सा अनुभव करते हैं....आज उनकी कुछ कविताओं से ख़ुद को जोड़ कर देखते हैं....उनकी एक कविता है धूप का टुकडा मुझे वह समय याद है --