वो कौन थी - 15

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सांझ ढल रही थी! सूरज की सुनहरी किरने जैसे रंग बदलने लगी थी!तावड़े भले ही गाड़ी ड्राइव कर रहा था, पर उसका दिमाग उन लाशों के ढेर में उलझा हुआ था..!पुलिस जीप को मेईन रोड पर लेते हुए सुल्तान के सामने तावडे ने अपनी उलझन का राग आलापा! जनाब एक बात तो पक्की है ! तुम्हारे बच्चों के साथ हुआ एक्सिडेंट और इन हत्याओं की वारदातो के बीच कुछ ना कुछ कम्युनिकेशन जरूर है! कोई सोच भी नहीं सकता कि ऐसा भी हो सकता है , लेकिन सर जी(वारिसखान) के कॉल के बाद इस गुत्थी को सुलझाने में मेरी