शहीदे आजम भगतसिंह भारत को स्वतंत्र कराने में न जाने कितने वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। वे सीने में गोली खाते, दर्द सहते चुपचात मौत की आगोश में सो गए, ताकि हम लोग जाग सकें। देश को स्वतंत्र कराने का सबका तरीका भले ही अलग हो किंचित भावना एक ही थी अपनी मातृभूमि से असीम प्रेम। भगत सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं,एक ऐसा नाम जिन्होंने आजादी के महासंग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसा जांबाज, जो मात्रा 23 साल की उम्र में नींद की गोद में सो गया। वो छोटा-सा बच्चा जो सिर्फ प्यार करना जानता था,