अपनी अपनी मरीचिका - 10

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बीता कल रविवार था और आने वाले कल जन्माष्टमी की छुट्‌टी है। पंद्रह अगस्त का अवकाश भी इसी सप्ताह है। इसलिए बाहर से जयपुर आकर पढ़ने वाले अधिकतर लड़के घर चले गए हैं। कक्षा में उपस्थिति कम थी, इस कारण से पहला पीरियड पढाने आए अध्यापक ने छुट्‌टी कर दी। इसके बाद सबका मन ऐसा उखड़ा कि साइकिलें उठाकर पिकनिक मनाने निकल गए। आठ बजे घर लौटा हूँ। कई दिनों से डायरी लिखने की बात सोच रहा हूँ। दिमाग में बहुत-सी सामग्री इकट्‌ठी हो गई है। कॉलेज में पढाई नहीं हुई इसलिए रात को पढ़ने की अनिवार्यता नहीं है।