मेरा भाई .. कभी कुछ बताने के लिये बहुत कुछ होता है तो कभी जितना बताओ ऊतना काम हो जाता है पर हम किसी को जानना नही छोडते तोह कभी किसी को पढना पाना ये अपने जरुरत से हो जाती है तोह हम किसी की बारे मै जान्ना नही चाहते एक बच्चे से लगे रहते है जैसे कोई गलत काम कर क परेशान होना तोह कभी मन का टूट जाणा यही लग रहा था कि कोई नही है अपना बस म अपने भाई के साथ रहना चाहता हू पर मेरे भाई से मेरे बनती हि नही दोनो भाई सुभा