मेरी जनहित याचिका - 4

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मैंने सोचा कि यह तो अकेले थी। इसने यह तो बताया ही नहीं कि मुझे दो को सर्विस देनी है। जब एक अंदर घर में थी तो गेट पर बाहर से ताला लगाने का क्या मतलब है? हालांकि दोनों की बॉडी लैंग्वेज, हाव-भाव बड़े अच्छे थे। बेहद शालीन, सभ्य, सुसंस्कृत लग रही थीं। दोनों ने ऐसे बात शुरू की जैसे हम बहुत पहले से मित्र रहे हैं। पांच मिनट की बात में ही दोनों ने ही मेरे मुंह से सच निकलवा लिया कि मैं इस फ़ील्ड में न्यूकमर हूं, यह मेरा पहला दिन है। मेरे सॉरी बोलने पर वह दोनों मुस्कुरा कर रह गईं। इस बीच मुझसे यह पूछ लिया गया कि क्या मैं दोनों को सर्विस दे सकता हूं। क्षण भर में मैंने सोच लिया कि मैंने ना किया तो कमज़ोर साबित होऊंगा। अनाड़ी तो साबित हो ही चुका हूं।